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  1. A WordPress Commenter

    September 29, 2024 at 5:58 am

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पति ने पत्नी की प्रेमी से कराई शादी, खुद दिया आशीर्वाद – फर्रुखाबाद में सामने आया अनोखा मामला

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फर्रुखाबाद। मेरठ में हाल ही में सामने आए सौरभ राजपूत हत्याकांड समेत कई घटनाओं ने पतियों में एक अजीब सा भय भर दिया है। लेकिन फर्रुखाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया। यहां एक पति ने न सिर्फ अपनी पत्नी की उसके प्रेमी से शादी कराई, बल्कि खुद आशीर्वाद भी दिया।

यह मामला कासगंज जिले के पटियाली क्षेत्र के नगला कछिया गांव निवासी राहुल और उनकी पत्नी वैष्णवी से जुड़ा है। राहुल की शादी दो साल पहले फर्रुखाबाद के कायमगंज थाना क्षेत्र के नगला धनी निवासी वैष्णवी से हुई थी। शुरुआती कुछ समय तक दोनों का वैवाहिक जीवन ठीक चला, लेकिन समय के साथ झगड़े बढ़ने लगे। बात इतनी बढ़ गई कि वैष्णवी अपने मायके लौट आई।

इसी दौरान राहुल को पता चला कि वैष्णवी के मनोज नामक युवक से प्रेम संबंध हैं। इस पर राहुल ने मामला बिगड़ने की बजाय शांति से सुलझाने का फैसला किया। वह वैष्णवी को लेकर तहसील पहुंचा, जहां दोनों ने एक वकील के माध्यम से शपथपत्र दाखिल किया कि वे आपसी सहमति से अलग हो रहे हैं।

आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद, राहुल ने खुद अपनी पत्नी की शादी मनोज से करवा दी। कचहरी परिसर में वैष्णवी ने मनोज को वरमाला पहनाई, तो राहुल के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। यह दृश्य देख वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। कई लोगों ने इसे मेरठ की घटनाओं से जोड़ते हुए चुटकी भी ली।

इस घटना ने जहां समाज में रिश्तों को लेकर नई सोच को उजागर किया है, वहीं यह भी दिखाया कि समझदारी और शांति से किसी भी रिश्ते को सम्मानजनक रूप से खत्म किया जा सकता है।

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सिगरा पुलिस की तत्परता से गुमशुदा 4 वर्षीय बालिका डेढ़ घंटे में सकुशल बरामद

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वाराणसी । सिगरा पुलिस टीम ने बुधवार को एक मिसाल पेश करते हुए मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण प्रस्तुत किया। एक 4 वर्षीय मासूम बच्ची, जो अपने पहले स्कूल के दिन घबराहट के चलते स्कूल से लापता हो गई थी, उसे महज डेढ़ घंटे के भीतर खोजकर परिजनों को सकुशल सौंप दिया गया।

घटना सुबह करीब 8 बजे की है जब बड़ी मलदहिया निवासी श्रीमती रीना की बेटी कुसुम अपनी बड़ी बहन के साथ पंचवटी मंदिर के पास स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने गई थी। यह उसका पहला दिन था। पढ़ाई के डर से वह दोपहर लगभग 12 बजे बिना किसी को बताए स्कूल से निकल गई। जब काफी देर तक वह घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने घबराकर थाना सिगरा में इसकी सूचना दोपहर 2 बजे दी।

सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक सिगरा संजय मिश्र ने मामले को गंभीरता से लिया और चौकी रोडवेज के प्रभारी उपनिरीक्षक शिवम् के नेतृत्व में एक टीम गठित की। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आसपास के क्षेत्र की सीसीटीवी फुटेज खंगाली और तकनीकी माध्यमों की सहायता से बच्ची को खोजने का प्रयास शुरू किया।

पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई और केवल डेढ़ घंटे के भीतर बच्ची को सुरक्षित बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया। बच्ची को सकुशल देखकर परिजनों की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने पुलिस की तत्परता की दिल से सराहना की।

इस सराहनीय कार्य में उपनिरीक्षक शिवम्, उपनिरीक्षक सुधीर कुमार अग्रहरी, महिला उपनिरीक्षक कुसुम जायसवाल, कांस्टेबल चिन्ता हरण तिवारी, कांस्टेबल नीरज कुमार मौर्या, कांस्टेबल वीरेन्द्र यादव, कांस्टेबल अविनाश कुमार, कांस्टेबल शिव नरायण मौर्य और कांस्टेबल मंजीत गुप्ता शामिल रहे।

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घर के पास बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पाकर लाभार्थी महिलाओं ने जताया आभार

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वाराणसी । जिले में बुधवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। गर्भवती महिलाओं की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व जांच और समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के सभी नगरीय एवं ग्रामीण प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा और लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाए गए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि इन शिविरों में आई गर्भवती महिलाओं की यूरिन, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सिफलिस, हीमोग्लोबिन और पेट संबंधी सभी प्रसव पूर्व जांचें निःशुल्क की गईं। साथ ही नवदंपति और परिवार नियोजन से जुड़े लाभार्थियों को “स्वस्थ परिवार – खुशहाल परिवार” अभियान के तहत परामर्श भी दिया गया। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विशेष सजगता बरतनी चाहिए और संतुलित आहार के साथ कम से कम चार प्रसव पूर्व जांचें अवश्य करानी चाहिए। साथ ही 180 कैल्शियम और आयरन की गोली का नियमित सेवन भी जरूरी है ताकि रक्ताल्पता जैसी समस्याओं से बचा जा सके।

एसीएमओ (आरसीएच) डॉ. एचसी मौर्या ने जानकारी दी कि जनपद में कुल 2586 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिनमें से 278 को उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की श्रेणी में चिन्हित कर उच्चस्तरीय इलाज के लिए रेफर किया गया। उन्हें निःशुल्क दवा, पोषण और चिकित्सा परामर्श भी उपलब्ध कराया गया।

डॉ. अंजली, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सीएचसी दुर्गाकुंड ने बताया कि गर्भावस्था में यदि किसी महिला को तेज बुखार, सिरदर्द, धुंधलापन, रक्तस्राव, सूजन या भ्रूण की हलचल में कमी जैसी समस्याएं हो तो उन्हें एचआरपी की श्रेणी में रखा जाता है ताकि उन्हें तत्काल विशेष देखभाल मिल सके।

इस अवसर पर लाभार्थी महिलाएं विशेष रूप से प्रसन्न नजर आईं। छित्तूपुर निवासी 28 वर्षीय सुमन चौहान ने बताया कि उन्होंने गर्भावस्था की तीसरी तिमाही की सभी जांचें पूरी कराईं। डॉक्टरों ने उन्हें सामान्य हीमोग्लोबिन स्तर के लिए शुभकामनाएं दीं और संतुलित आहार की सलाह दी। वहीं नरायनपुर की 27 वर्षीय अन्तरा चौहान ने कहा कि आशा कार्यकर्ता की मदद से उन्होंने सभी जरूरी जांचें कराईं। उनका हीमोग्लोबिन थोड़ा कम पाया गया, जिसके लिए उन्हें दवाएं और आयरन की गोलियां दी गईं।

दोनों लाभार्थियों ने घर के पास बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार का आभार जताया और कहा कि इससे न केवल समय पर इलाज मिल रहा है, बल्कि सुरक्षित मातृत्व की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिल रहा है।

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