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ट्रक की चपेट में आकर बाइक सवार दंपती की मौत

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वाराणसी-जौनपुर हाईवे पर शुक्रवार को हुए भीषण सड़क हादसे में एक बाइक सवार दंपती की मौके पर ही मौत हो गई। दर्शन-पूजन और खरीदारी के बाद घर लौट रहे दंपती को तेज रफ्तार ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई, वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

जानकारी के अनुसार, जौनपुर जिले के खुटहन थाना क्षेत्र अंतर्गत मौजीपुर निवासी रविंद्र यादव (पुत्र बब्बर यादव) अपनी पत्नी रानी यादव के साथ बाइक से वाराणसी आए थे। दोनों ने दर्शन-पूजन के बाद कुछ खरीदारी की और दोपहर बाद अपने गांव लौट रहे थे।

हरहुआ रिंग रोड चौराहा, वाजिदपुर के पास पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक (नंबर UP 65 JT 6585) ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे के बाद ट्रक दंपती को रौंदता हुआ निकल गया। ट्रक में यूरिया लदी थी।

घटना के बाद आसपास के लोगों ने पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। दोनों को लहूलुहान हालत में बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दंपती की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी।

ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, लगाया जाम
हादसे के बाद मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण जुट गए और ट्रक को घेर लिया। तिरपाल हटाकर देखा गया तो उसमें यूरिया की बोरियां लदी थीं। इसके बाद लोगों ने जिले में ओवरलोड और बाहरी ट्रकों के प्रवेश को लेकर नाराजगी जाहिर की और हाईवे पर जाम लगा दिया।

मौके पर पहुंची पुलिस ग्रामीणों को समझाने-बुझाने में जुटी रही। मृतकों के परिजनों को भी सूचना देकर बुलाया गया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही ट्रक को कब्जे में लेकर चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है।

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संघर्ष समिति वाराणसी और प्रबंध निदेशक पूर्वांचल के बीच पांच सूत्रीय मांगों पर वार्ता सफल

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संविदाकर्मियों को मिलेगा कटे वेतन का लाभ

वाराणसी । उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, वाराणसी के प्रतिनिधिमंडल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक के बीच शुक्रवार को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अहम बैठक हुई। यह वार्ता प्रबंध निदेशक के आमंत्रण पर उस समय हुई जब संघर्ष समिति द्वारा पूर्व में शुरू किया गया अनिश्चितकालीन सत्याग्रह फिलहाल स्थगित कर दिया गया था।

बैठक में प्रमुख रूप से संविदाकर्मियों के फेसिअल अटेंडेंस के कारण कटे वेतन को अविलंब जारी करने, उपकेंद्रों पर कैमरा युक्त कंप्यूटर सिस्टम की स्थापना, निजीकरण प्रस्ताव को निरस्त करने की अनुशंसा, वर्ष 2023 के बाद हटाए गए योग्य संविदाकर्मियों की सेवा में पुनर्बहाली तथा प्रशासनिक आधार पर किए गए विवादित स्थानांतरणों के संबंध में चर्चा हुई।

प्रबंध निदेशक ने फेसिअल अटेंडेंस को लेकर तकनीकी समाधान प्रदान करने का आश्वासन दिया है, जिसमें एसएसओ ऐप से जुड़ने हेतु कैमरा युक्त सिस्टम की व्यवस्था या मोबाइल उपलब्ध कराना शामिल है। साथ ही, फेसिअल अटेंडेंस न लग पाने के कारण कटे वेतन को शीघ्र दिलाने की बात भी कही गई। हटाए गए संविदाकर्मियों को आवश्यकता अनुसार पुनः सेवा में लेने अथवा कार्यरत कंपनियों में समायोजित करने पर भी सकारात्मक संकेत दिए गए।

विवादित स्थानांतरण के मुद्दे पर संगठन पदाधिकारियों ने यह आरोप लगाया कि “प्रशासनिक आधार” के नाम पर किए गए स्थानांतरणों में कोई ठोस कारण नहीं है। जब अधिकारियों से इसका औचित्य पूछा गया तो कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। संघर्ष समिति ने इस आधार को ‘टाइपिंग मिस्टेक’ बताते हुए संशोधित पत्र जारी करने की मांग की है।

संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि स्थानांतरण से किसी भी स्थिति में निजीकरण के प्रयासों को स्वीकार नहीं किया जाएगा और स्थानांतरित अधिकारी अपने नवीन कार्यस्थल से ही संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रहेंगे।

संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि प्रबंध निदेशक कार्यालय से मिनट्स ऑफ मीटिंग जारी होने के बाद ही स्थगित अनिश्चितकालीन सत्याग्रह को पुनः प्रारंभ करने अथवा निरस्त करने का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

इसी क्रम में आज बरईपुर स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय पर जनजागरण सभा का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में बिजलीकर्मियों के साथ उपभोक्ता भी शामिल हुए। वक्ताओं ने एक स्वर में बिजली के निजीकरण को जनता और कर्मचारियों के लिए नुकसानदेह बताया। कल सिगरा स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर लंच अवर में अगली जनजागरण सभा आयोजित की जाएगी।

सभा को ई. मनीष झा, रविन्द्र यादव, रंजीत पटेल, सौरभ श्रीवास्तव, राकेश कुमार, धनपाल सिंह, समीर पाल, अंकुर पाण्डेय, अरुण पटेल आदि ने संबोधित किया।

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गंगा घाट पर मिला दक्षिण भारतीय दंपति का शव

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वाराणसी के गंगा घाट पर उस समय हड़कंप मच गया जब घाट की सीढ़ियों पर एक दक्षिण भारतीय दंपति का शव मिला। स्थानीय लोगों ने पहले उन्हें जगाने की कोशिश की, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।

सूचना मिलते ही भेलूपुर थाना पुलिस के साथ-साथ डीसीपी काशी, एसीपी भेलूपुर और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। जांच के दौरान शव के पास मिले आधार कार्ड से मृतकों की पहचान विरामल्लू गंगा राव (70 वर्ष) और उनकी पत्नी विरामल्लू आई अम्मा (65 वर्ष) के रूप में हुई, जो आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी जिले के निवासी थे।

पुलिस को मौके से कुछ रुपये, कीपैड मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। प्रारंभिक जांच में किसी प्रकार की चोट या संघर्ष के निशान नहीं पाए गए हैं। फिलहाल दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में भेज दिया गया है।

मृतक के बेटे से जब संपर्क किया गया तो उसने बताया कि माता-पिता वाराणसी दर्शन-पूजन के उद्देश्य से आये थे। पुलिस ने परिजनों को वाराणसी बुलाया है।

घटना ने घाट क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस अब हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है।

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परेड कोठी में बढ़ता देहव्यापार बना चिंता का कारण

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महिलाओं की सुरक्षा पर उठे सवाल

वाराणसी । सिगरा थाना क्षेत्र के परेड कोठी इलाके में खुलेआम हो रहे देहव्यापार ने स्थानीय निवासियों की नींद उड़ा दी है। शाम होते ही रोडवेज चौकी क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों का बाजार गर्म हो जाता है, जिससे खासकर महिलाएं और परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि क्षेत्र का माहौल लगातार बिगड़ रहा है और सामाजिक मर्यादाएं तार-तार हो रही हैं।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, हर शाम सड़क किनारे अनजान महिलाओं की भीड़ देखी जा सकती है। इसके अलावा कुछ अवैध होटलों में भी संदिग्ध गतिविधियां संचालित होने की बात कही जा रही है। लगातार शिकायतों के बावजूद पुलिस प्रशासन की चुप्पी से लोगों में आक्रोश है।

हाल ही में मोहल्ले की महिलाओं ने घरों के बाहर बैनर और पोस्टर लगाकर विरोध जताया। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार रोडवेज चौकी और सिगरा थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन चौकी इंचार्ज पुष्कर दुबे द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

निवासियों ने जिला प्रशासन और पुलिस आयुक्त से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही देहव्यापार जैसी अनैतिक गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वे सामूहिक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी मामले को गंभीर बताते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि क्षेत्र में शांति और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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