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सारनाथ पुलिस की निष्क्रियता से आहत संत समाज

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प्राचीन पशुपतेश्वर महादेव मंदिर पर अवैध कब्जा, प्रशासन बना मौन दर्शक

वाराणसी । मोक्षदायिनी काशी की पावन भूमि पर स्थित सारनाथ का प्राचीन पशुपतेश्वर महादेव मंदिर आज अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रहा है — और दुर्भाग्यवश, इस संघर्ष में उसे वह प्रशासनिक सहयोग नहीं मिल रहा जिसकी अपेक्षा थी।

मंदिर के महंत बाल योगी ने गहरी पीड़ा के साथ आरोप लगाया है कि मंदिर के सेवादार छोटेलालराजभर, जिनकी नियुक्ति स्वयं उन्होंने 15 वर्ष पूर्व की थी, अब न सिर्फ मंदिर से उन्हें बाहर करने पर आमादा हैं बल्कि कुछ नशेड़ी और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ मिलकर आश्रम परिसर पर अवैध कब्जा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।

सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि इस गंभीर प्रकरण में सारनाथ पुलिस की भूमिका निराशाजनक रही है। महंत के अनुसार, एसीपी डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी के स्पष्ट निर्देश के बावजूद थानाध्यक्ष विवेक त्रिपाठी अब तक मामले में हीलाहवाली कर रहे हैं। सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी मंदिर से जुड़े कागजातों को देखने की भी पुलिस ने जहमत नहीं उठाई है।

महंत बाल योगी ने यह भी बताया कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, लेकिन सुरक्षा तो दूर, उनकी शिकायत पर कोई ठोस पहल नहीं हुई। वे आज अपने ही आश्रम से बेदखल होकर विभिन्न स्थानों पर रुकने को विवश हैं — यह दृश्य किसी धर्मनगरी के लिए अत्यंत शर्मनाक है।

बाल योगी ने बताया कि एसीपी के हस्तक्षेप के बाद सेवादार छोटेलाल को थाने बुलाकर पूछताछ तो की गई, लेकिन थानाध्यक्ष का रवैया अब भी टालमटोल वाला बना हुआ है।

इस घटनाक्रम को लेकर स्थानीय संत समाज में भारी आक्रोश है। संतों का कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, सनातन धर्म और मंदिरों की गरिमा का अपमान है। यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो संत समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होगा।

अब सवाल यह है — क्या काशी जैसी धर्मनगरी में भी संतों को न्याय के लिए भटकना पड़ेगा? और क्या प्रशासन सनातन पर हो रहे ऐसे हमलों पर भी मूकदर्शक बना रहेगा?

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मासूम से दुष्कर्म मामले में दंपति को उम्र कैद

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वाराणसी। जिले के रोहनिया इलाके में 2018 में एक मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में विशेष अदालत ने एक दंपति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। छह साल तक चली सुनवाई के बाद, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विनोद कुमार की अदालत ने मुख्य आरोपी पुनवासी गुप्ता और उसकी पत्नी विमला देवी, जिसने इस घिनौने अपराध में अपने पति की मदद की थी, दोनों को दोषी करार दिया।

अदालत ने इस जघन्य अपराध में दोनों को समान रूप से दोषी मानते हुए प्रत्येक पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि दोषी जुर्माना भरने में विफल रहते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता, जो उस समय कक्षा पांच की छात्रा थी, 7 अक्टूबर 2018 की रात घड़ी का पाउडर खरीदने के लिए दुकान जा रही थी। रास्ते में, विमला देवी ने उसे रोका और अपने घर ले गई। वहां, विमला देवी ने बच्ची से बातचीत की, उसे भोजन कराया और फिर कमरे की बत्ती बंद कर दी। इसके बाद, विमला देवी का पति पुनवासी गुप्ता कमरे में दाखिल हुआ और बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।
घर लौटने पर, पीड़िता ने अपनी मां को अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद उन्होंने रोहनिया पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने पीड़िता सहित नौ गवाहों को पेश किया।

अदालत ने अपने फैसले में विमला देवी के कार्यों को “अमर्यादित” बताया, जिसने एक महिला होते हुए भी अपने पति को एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने में सहयोग किया। अदालत ने दोनों को बलात्कार की घटना में समान रूप से दोषी माना। इस फैसले को न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है और यह समाज में ऐसे जघन्य अपराध करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है।

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हर दरोगा की होगी परफॉर्मेंस जांच, लापरवाही पर गिरेगी गाज: पुलिस कमिश्नर

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वाराणसी। शहर में अपराध और अव्यवस्था पर लगाम कसने के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने सख्त कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने साफ किया है कि अब हर उप निरीक्षक का मासिक कार्य मूल्यांकन होगा और प्रदर्शन के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। खराब परफॉर्मेंस देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जाएगी।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि रिपोर्ट कार्ड की व्यवस्था को तकनीकी रूप देने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी काशी जोन के अपर पुलिस उपायुक्त को दी गई है। हर माह अंकों के आधार पर अधिकारियों की कार्यकुशलता का आकलन किया जाएगा।

इसके साथ ही शहर में जुआ, सट्टा, मवेशी तस्करी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर फैंटम दस्ते की सक्रियता बढ़ाई जाएगी। ‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ के अंतर्गत बिना नंबर की गाड़ियों और संदिग्ध लोगों की गहन जांच होगी।

गलत पार्किंग और अवैध अतिक्रमण पर त्वरित कार्रवाई की बात दोहराई गई है। वहीं, शादी-ब्याह व सार्वजनिक आयोजनों के दौरान यातायात बाधित न हो, इसके लिए स्थानीय नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।

आयुक्त ने स्पष्ट किया कि आईजीआरएस और मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर आने वाली शिकायतों का समय पर निस्तारण होना अनिवार्य है। साथ ही, किसी भी मामले की विवेचना दो महीने से अधिक लंबित नहीं रहनी चाहिए।

इस बैठक में पुलिस उपायुक्त (काशी) गौरव वंशवाल, पुलिस उपायुक्त (यातायात) अनिल कुमार यादव, और अपर पुलिस उपायुक्त (काशी) टी. सरवणन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

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गंगा द्वार पर चला स्वच्छता अभियान

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वाराणसी । विश्व धरोहर दिवस और गुड फ्राइडे के अवसर पर नमामि गंगे ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर स्वच्छता अभियान चलाया।

अभियान में अमेरिका और स्पेन से आए यीशु मसीह के अनुयायियों सहित देश-विदेश के पर्यटक शामिल हुए। नगर निगम के ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला के नेतृत्व में गंगा तट की सफाई की गई। सभी ने ‘हर हर गंगे’ और ‘स्वच्छता’ के संदेश के साथ जनभागीदारी की प्रेरणा दी।

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