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राज्यसभा सांसद डॉ. संगीता बलवंत की पहल पर मीरनपुर सक्का में नाला निर्माण की प्रक्रिया शुरू

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NHI ने मंगाई जांच रिपोर्ट

गाजीपुर/वाराणसी । राज्यसभा सांसद डॉ. संगीता बलवंत की सक्रिय पहल पर गाजीपुर-वाराणसी फोरलेन से सटे ग्राम मीरनपुर सक्का में लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। क्षेत्र में नाला निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHI) ने MSV इंटरनेशनल कंपनी से जांच रिपोर्ट मांगी है।

सांसद डॉ. बलवंत ने बताया कि मीरनपुर सक्का सहित आस-पास के कई गांव बारिश के मौसम में जलभराव की गंभीर समस्या से प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा, “गांव के समीप से गुजरने वाले भारी वाहनों की आवाजाही से नाली बार-बार क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे पानी निकासी बाधित होती है।

समस्या के समाधान हेतु सांसद ने मीरनपुर बाईपास से चक अब्दुल सत्तार तक लगभग 900 मीटर लंबी सर्विस नाला के निर्माण के लिए NHI को पत्र प्रेषित किया था। इसके क्रम में अब NHI द्वारा स्थल की तकनीकी जांच कराई जा रही है, ताकि प्रस्तावित नाले का निर्माण शीघ्र शुरू हो सके।

सांसद ने उम्मीद जताई कि जांच रिपोर्ट आने के बाद नाला निर्माण कार्य को मंजूरी मिलेगी और ग्रामवासियों को लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या से राहत मिलेगी।

स्थानीय ग्रामीणों ने सांसद की इस पहल की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है और जल्द निर्माण कार्य शुरू होने की अपेक्षा जताई है।

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बरेका में राजभाषा समिति की तिमाही बैठक संपन्न

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वाराणसी । बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में राजभाषा हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में एक और सशक्त पहल के तहत आज राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बराकास) की तिमाही बैठक का आयोजन हुआ। बरेका के प्रशासनिक भवन के सभागार में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह ने की।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि बरेका विश्वस्तरीय तकनीक के साथ कदमताल कर रहा है और अब तकनीकी क्षेत्रों में हिंदी के प्रयोग को भी मजबूती से बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने अधिकारियों को प्रेरित किया कि वे तकनीकी विषयों पर सरल एवं संवादात्मक शैली में हिंदी में पुस्तकें लिखें ताकि आमजन भी तकनीकी ज्ञान से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा, “हमें अनुवाद पर निर्भरता कम करते हुए हिंदी में मौलिक कार्यों की ओर बढ़ना होगा, तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।”

बैठक में विभिन्न विभागों के प्रमुखों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और अपने-अपने क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग की प्रगति पर चर्चा की। प्रमुख उपस्थित अधिकारियों में प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री विवेक शील, प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री आलोक अग्रवाल, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी/प्रशासन श्री लालजी चौधरी, प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेश कुमार, प्रधान वित्त सलाहकार श्री मुक्तेश मित्तल, प्रमुख मुख्य इंजीनियर श्री विनोद कुमार शुक्ला और प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्री डी.के. मौर्या शामिल रहे।

मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री प्रवीण कुमार ने बैठक की शुरुआत में बरेका में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार से संबंधित गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे तकनीकी दस्तावेजों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यालयीन कार्यों में हिंदी को प्राथमिकता दी जा रही है।

कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह ने किया। बैठक में विषयवस्तु पर केंद्रित संवाद और विचार-विमर्श के लिए उनके संचालन को सराहा गया।

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निर्माणाधीन अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास भूमि अधिग्रहण के विरोध में जारी प्रदर्शन के तेरहवें दिन किसानों ने किया शांति भोज

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वाराणसी जनपद के स्वतंत्रता सेनानियों के गांव गंजारी में निर्माणाधीन अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सहित आसपास के कई गाँवों में प्रस्तावित अर्बन टाउनशिप स्पोर्ट्स सिटी व स्टेडियम को जोड़ने वाली सभी सड़कों के फोरलेन चौड़ीकरण के विरोध में किसानों का प्रदर्शन तेरहवें दिन गुरुवार को भी जारी है। इसी क्रम में यहाँ के किसानों और ग्रामीणों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शांति भोज का आयोजन किया।

बताते चलें कि प्रदर्शन के दसवें दिन धरनारत किसानों ने सिस्टम का श्राद्ध कर यह घोषणा भी किया था कि जबरन भूमि अधिग्रहण रद्द नहीं होगा तो सिस्टम का तेरहवीं भी करेंगे। इसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। इसके बाद आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसदों, विधायकों एवं ज़िम्मेदार लोगों को पत्र भेजकर यहाँ की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जाएगा।

धरनास्थल पर अपने दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे मनरेगा मज़दूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि यहां के गांव देश के स्वतंत्रता आंदोलन की गढ़ था। प्रशासन द्वारा इस जबरन भूमि अधिग्रहण का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्वांचल किसान यूनियन ने धरने के बाद निर्णय लिया कि प्रभावित गाँवों में पदयात्रा निकाल कर लोगों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील करेगा। पदयात्रा आगामी दिनों धरना स्थल से शाम चार बजे से निकलेगा।

किसानों ने दी चेतावनी

यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यहां अर्बन टाउनशिप स्पोर्ट्स सिटी व फोरलेन सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जबरन भूमि अधिग्रहण पर जितनी शीघ्रता से रोक लगाएँगे किसानों के हितों में उतना ही बेहतर होगा। धरना स्थल पर बारहवें दिन बारिश के चलते पानी भर जाने से धरना स्थगित था। अध्यक्षता किसान नेता डा. राजेन्द्र सिंह व संचालन पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार गुप्ता ने किया अन्त में आभार हरसोस ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिंह पटेल ने दिया। इस दौरान डा. राजेन्द्र सिंह, योगीराज सिंह पटेल, राजकुमार गुप्ता, ओमप्रकाश सिंह पटेल, सुरेश राठौर, रामदुलार, रंजीत पटेल, जियाराम पटेल, सुरेश वर्मा, कमलाकर सिंह, विनय मौर्य, राजेन्द्र, निहोरीलाल, रामनाथ, ज्वाला, सृष्टि, धन्या, कुसुमा, तृप्ति, शिल्पी, काजल, दिव्या, दीलिप सिंह, अजीत पटेल, रणजीत, हृदय पाल, मनोज कुमार सिंह, विरेंद्र पटेल, रामबालक पटेल, प्रहलाद पाल, राजेश कुमार, राजकुमार राजभर सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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बिजलीकर्मियों का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू

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मांगें पूरी न होने पर पूर्वांचल में बड़ा आंदोलन संभव

वाराणसी । पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय पर गुरुवार से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू हो गया है। कर्मचारियों की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर दो महीने पहले प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन न तो कोई संवाद हुआ और न ही कोई समाधान, जिससे आक्रोशित होकर आज बिजलीकर्मियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।

स्थानांतरण आदेशों पर भी गहरा विरोध
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने आरोप लगाया कि हाल के स्थानांतरण आदेशों में उत्पीड़न और लेन-देन की गंध है। उन्होंने कहा कि ये आदेश मनमाने ढंग से और बिना कारण जारी किए गए हैं, जिससे कर्मचारियों में असंतोष चरम पर है।

प्रबंधन के रवैये पर जताया विरोध
बिजलीकर्मियों ने आरोप लगाया कि जब वे शांतिपूर्ण सत्याग्रह के लिए विद्युत नगर पहुंचे, तो प्रबंधन ने मुख्य गेट बंद कर दिया, जबकि आंदोलन की पूर्व सूचना पहले ही दी जा चुकी थी। कर्मचारियों ने प्रशासन के आग्रह पर संयम रखा, लेकिन चेतावनी दी कि यदि तय समय पर गेट नहीं खोला गया, तो वे स्वतः निर्णय लेकर गेट खोलने को विवश होंगे।

पूर्वांचल से आंदोलन में शामिल होंगे कर्मचारी
प्रारंभिक चरण में सीमित संख्या में कर्मचारियों को सत्याग्रह में शामिल किया गया है ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो। लेकिन यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो पूर्वांचल के सभी जिलों से कर्मचारियों को आंदोलन में बुलाया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह प्रबंध निदेशक पर होगी।

निजीकरण के प्रयासों पर भी सवाल
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण को लेकर आरएफपी दस्तावेजों पर जल्दबाजी में निर्णय लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि नियामक आयोग पर निजी कंपनियों के प्रभाव में निर्णय थोपे जा सकते हैं।

सांस्कृतिक रंग में भी रंगा सत्याग्रह
कार्यक्रम में दीक्षा छात्र संघ के ध्रुव और ज्ञानप्रकाश ने अपनी प्रेरणात्मक कविताओं से सत्याग्रह को सांस्कृतिक रंग भी दिया, जिसे उपस्थितजनों ने सराहा।

सभा की अध्यक्षता ई. मायाशंकर तिवारी एवं संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया।
सभा को ई. एस.के. सिंह, ई. विजय सिंह, ई. सियाराम यादव, वेदप्रकाश राय, मदन श्रीवास्तव, संतोष वर्मा, जिउतलाल, राघवेंद्र गोस्वामी, उमेश यादव, प्रशांत सिंह, उदयभान दुबे, रामजी भारद्वाज, रंजीत पटेल और अजित कुमार समेत अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।

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